किचन हर घर की जरूरत होती है | लेकिन हर किसी के पास बड़ी किचन नहीं होती मैं छोटी मॉड्यूलर किचन में ही काम चलाना पड़ता है | अगर कोई घर बनाया जा रहा है तो उसमें जब किचन बनाई जाती है तो उस पर भी ध्यान दिया जाता है, वह इसलिए होता है कि घर में सबसे ज्यादा एनर्जी जहां से मिलने वाली है हमारी इच्छा नहीं रहती है, लेकिन हर किसी के पास अच्छी बड़ी किचन नहीं हो पाती ज्यादातर जो मिडिल क्लास की फैमिली होती है उनके पास किचन छोटे साइज की होती है|
लेकिन उसमें भी सभ्य सोचते हैं कि उनकी छोटी किचन देखने में बड़ी और सुंदर लगे जिसमें उनकी जरूरत का सारा समान होगी किचन में ही आ जाए आज हम आपको बताएंगे कि छोटी किचन मैं हमें किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए जब हम अपनी छोटी मॉडलर किचन बनाते तब हमें इन बातों का ध्यान रखना चाहिए |
छोटी मॉड्यूलर किचन वास्तु के हिसाब से
किचन घर का मैन हिस्सा होता है जिसको बड़ा ही सोच सोच के बनाया जाता है अगर कोई वस्तु को मानता है तो वह चाहता है कि उसकी किचन वास्तु के हिसाब से बने तो हम आप आज आपको बताते हैं कि वास्तु के हिसाब से किचन का घर स्थान कौन सा होता है दक्षिण पूर्व (South East) दिशा सबसे सर्वोत्तम होती है और उसमें आग और पानी का जो स्थान होना चाहिए जब घर की ग्रहणी खाना बनाती है तो उसका मुंह पूर्व दिशा (East Facing) की ओर होना चाहिए और जो पानी का स्थान होता है उत्तर दिशा (North Facing) की ओर होना चाहिए |

छोटी मॉड्यूलर किचन कीमत कैसे निकालते हैं |
जो छोटी मॉड्यूलर किचन होती है जो स्क्वायर फीट साइज होता है मैं मान कर चलो 50 से 100 के बीच में होता है हम मान लेते हैं कि हमारी किचन का जो स्क्वेयर फुट साइज है वह 80 स्क्वेयर फीट है यह स्क्वेयर फिट कैसे निकलता है मैं आपको थोड़ा बता देता हूं मान के चलो कि आपकी 8′-0″x6′-0″ हो तो 8+6 = 14×5 = 70 Sqft. हो जाता है |
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हम मान लेते हैं कि हमारा जो मॉडलर किचन का जो खर्च आने वाला है वह 1500 स्क्वेयर फीट हो सकता है 70×1500 = 1,05,000/- यह तो हमारा वुडन वुडन काम का खर्च आ गया अब इसमें जो हार्डवेयर लगने वाला है आप मान के चलो की 35,000 to 50,000/- तक आ जाता है अब हम दोनों को मिला लेते हैं, 105000+35000 = 1,40,000/- तक आ जाता है |
छोटी मॉड्यूलर किचन का कलर कैसा रखना चाहिए |
जो छोटी मॉड्यूलर किचन बनाई जाती है, तो उसमें ज्यादा कुछ करने के लिए तो नहीं होता है, वह तो सारा अपनी जरूरत के हिसाब से ही किया जाता है, लेकिन इसमें एक कलर का हमारे पास एक ऑप्शन ही है होता है | कि हम अपनी छोटी को अच्छा और बड़ा देख सकते हैं, वैसे कलर हर किसी की अपनी पसंद होती है, कि वह अपने हिसाब से अपनी पसंद के हिसाब से ही अपने कलर पसंद करता है |
लेकिन अगर मैं प्रैक्टिकल के हिसाब से बताऊं तो उनको हमेशा जो कलर पसंद करना चाहिए वह लाइट कलर पसंद करने चाहिए | ताकि किचन में विजिबिलिटी ज्यादा बनी रहे और किचन देखने में बड़े लगे कोशिश करें जो हम काउंटर का पत्थर लगाने वाले हैं, किचन में जो स्लैब होगी उसका कलर भी हम लाइट कलर रखें तो ज्यादा अच्छा होगा और जो दीवारों पर टाइल और किचन में जो पेंट हो वह भी थोड़ा लाइट कलर का हो तो किचन एक एलीफेंट और सुंदर और बड़ी दिखती है |