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Monu Kataria Founder of SadaShiv Interior Design

मैं मोनू कटारिया हूं मैं हरियाणा के सोनीपत जिले में एक गांव का रहने वाला हूं मैंने अपनी पढ़ाई पहली से लेकर 12वीं क्लास तक सरकारी स्कूल में की हुई है जो 1 हिंदी मीडियम स्कूल था| मैं एक बहुत ही गरीब परिवार मैं रहने वाला हूं | मेरे पास कोई है बताने वाला नहीं था कि मुझे 12वीं क्लास के बाद क्या करना है तो मैंने एक-दो जाने वालों को देखा था|

 कि वह आईटीआई करके नौकरी लग गए हैं तो मैंने भी आईटीआई में एडमिशन ले लिया और 1 साल तक आईटीआई की अपनी पढ़ाई पूरी की जो आईटीआई का डिप्लोमा होता है मैं 3 साल का कंप्लीट होता है जिसमें मैंने 1 साल तक तो आईटीआई में पढ़ाई की और 2 साल तक किसी कंपनी में जाकर अप्रेंटिसशिप की जो आईटीआई करते हैं उनकी जिस कंपनी में जॉब लगती है उनको कोई ज्यादा अच्छी नौकरी नहीं मिलती है|

  वह वहां पर एक हेल्पर के रूप में काम करना पड़ता है मैंने 2 साल तक हेल्पर का काम किया तब मैंने देखा कि मेरी पूरी जिंदगी इसी तरह से खत्म हो जाएगी और मैं कुछ बड़ा नहीं कर पाऊंगा अपनी इस जिंदगी में तब मैंने सोचा कि मुझे कुछ और भी करना चाहिए तब मैंने सोचा कि मैं कंप्यूटर सीख लेता हूं और मेरी इंग्लिश बहुत कमजोर थी तो मैंने एक इंग्लिश स्पीकिंग का कोर्स भी ज्वाइन किया यह 2007 की बात है उस समय में हमारी स्थिति बहुत ही गरीब थी|

 जिससे मैं नौकरी जाता था मेरे पास एक पुरानी साइकिल थी उसी से मैं नौकरी करता था जब मुझे सुबह इंग्लिश की क्लास लेनी होती तो मैं सुबह घर से जल्दी अपनी साइकिल पर निकलता और 20 किलोमीटर दूर तक जाता मुझे इंग्लिश की क्लास लेनी होती थी फिर उसके बाद अपनी ड्यूटी करनी होती थी ड्यूटी कर कर फिर मुझे शाम को ही वापस कंप्यूटर क्लास लेने के लिए वापस 20 किलोमीटर साइकिल चलानी होती थी|

 कंप्यूटर क्लास लेने के बाद वापस घर जाता था तो मैंने जो कंप्यूटर क्लास स्पीकिंग का कोर्स लिया था वह करीब 6 महीने तक चला 6 महीने के बाद मुझे थोड़ा बहुत आने लगा था तब मैंने अपनी उसी कंपनी में बात की कि मैं अब यह काम नहीं कर सकता हूं मुझे कुछ और काम करना है तब कंपनी ने कहा कि आपको कहीं और भी काम करना ऐसा करो आप हमारे पास ही कर लो तुम उसी कंपनी में मुझे अपनी कंपनी में एक सेल्स वाले की नौकरी पर रख लिया |

मैंने वहां पर 2 से 3 साल और सेल्समैन की नौकरी की तो फिर करने के बाद फिर मुझे लगा कि यह भी कुछ ज्यादा अच्छा नहीं कर पा रहा हूं तो मैंने सोचा कि मुझे कुछ और भी करना चाहिए तब मैंने एक सिविल इंजीनियर का कोर्स   ज्वाइन किया तब मैंने 3 साल का  इंजीनियर का कोर्स किया अपनी नौकरी के साथ साथ उसके बाद फिर मैंने अपनी लाइन चेंज करती है फिर मैं आर्किटेक्चर में काम करने लगा हूं |

तब मुझे लगा कि अब मैं थोड़ा सा कामयाब हो सकता हूं उसके बाद मैंने एक के बाद एक काफी नौकरियां चेंज की लेकिन कहीं भी वह सफलता  नहीं मिली मुझे फिर मुझे एक दूसरी कंपनी से ऑफर आया कि आप हमारे यहां पर नौकरी कर लो यह किचन मॉडलर किचन बनाने वाली कंपनी थी जिसमें मैं अभी भी नौकरी कर रहा हूं इस कंपनी में मुझे 6 से 7 साल हो गए हैं काम करते हुए मुझे किचन की पूरी नॉलेज हो चुकी है किचन में क्या-क्या चीजें होती है किचन कैसे बनाई जाती है|


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